सामाजवादी पार्टी ने माननीय उच्च न्यायालय के 1 करोड़ देने के आदेश का किया स्वागत
आज की राजनीति चाहे राज्य सरकार हो या केन्द्र सरकार समझ नहीं आ रहा है की किस तरह से देश को चलाना चाहते हैं मीडिया सरकारों की गुलाम हो गई और सरकारी ब्यूरो क्रेसी सरकार के पूर्ण दबाव में काम कर रही हैं और सभी सरकारी विभाग सिर्फ सरकार की बोली बोल रही हैं इसी कड़ी में मैं बताना चाहता हूं आज मीडिया को शिक्षा विभाग ने जो बयान जारी किया है की उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में सिर्फ 3 शिक्षकों की मौत हुई हैं इस बयान से लगता है कि शिक्षा विभाग का भी जमीर मर चुका हैं मैं शिक्षक सभा जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी होने के नाते ये बताना चाहता हूं कि आदरणीय हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को ये आदेश जारी किया था की पंचायत चुनाव में शहीद शिक्षको को 1 करोड़ रुपए आर्थिक सहायता के तौर पर दिए जाए, तो राज्य सरकार ने अपनी असली नियत दिखा दी और पंचायत चुनाव में शहीद शिक्षको का 706 का आंकड़ा जो की गूगल पर भी रिकॉर्ड है उसको ही बदल दिया अब आप लोग समझ सकते हैं की राज्य सरकार की नियत में कितना खोट हैं जो सरकार पंचायत चुनाव में शिक्षकों की मौत का आंकड़ा छिपा सकती हैं उस सरकार से आप covid 19 के positive case और मौत के सही आंकड़े देने की क्या उम्मीद कर सकते हो और इसका जीता जागता उदाहरण गंगा नदी में बहते मिले लगभग 2000 शव, जिसने मनुष्य की आत्मा को हिला दिया
सामाजवादी पार्टी के शिक्षक सभा जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि हम समाजवादी पार्टी की तरफ से माननीय उच्च न्यायालय के उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में शहीद लगभग 706 शिक्षको को 1 करोड़ रुपए आर्थिक सहायता देने के फैसले का समर्थन करती है